
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को फिर से चुनावी अखाड़े में ‘वोट चोरी’ का नया धमाका किया है। इस बार सिर्फ़ जुबानी नहीं, बल्कि उन्होंने इसे एक “हाइड्रोजन बम” करार दे दिया है।
राहुल बोले, “हमने महादेवपुरा और नालंदा में करके दिखा दिया है। अब जो दिखाएंगे, वो पूरे देश को हिला देगा।“
बिलकुल ऐसे जैसे किसी वेब सीरीज़ का सीज़न फिनाले आ रहा हो — “The Vote Heist: Final Reveal”।
CEC पर बड़ा आरोप: “CID मांगे डेटा, और CE-कुमार चुप बैठें?”
राहुल गांधी का सबसे सीधा निशाना गया मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर। उन्होंने कहा “कर्नाटक CID वोट चोरी की जांच कर रही है। फ़ोन नंबर मांगे गए हैं, लेकिन CEC ज्ञानेश कुमार वो जानकारी नहीं दे रहे हैं।”
अब सवाल ये उठता है कि जब CID डेटा मांग रही है और चुनाव आयोग ना दे — तो ये “डेटा चोरी” है या “डेटा छिपी”?
यह वही स्थिति है जैसे कोई बच्चा परीक्षा में पकड़ा जाए और कहे, “मैंने होमवर्क किया था, लेकिन डॉग खा गया।”
ब्लैक एंड व्हाइट सबूत और पॉलिटिकल थ्रिलर
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके पास “ब्लैक एंड व्हाइट” सबूत हैं। इस बयान से एक बात तो साफ है — या तो ये सबूत 1950s की फिल्म से हैं, या फिर राजनीति में आज भी कुछ चीज़ें “काले और सफेद” में ही चल रही हैं।

कांग्रेस नेता ने वादा किया कि अगला खुलासा ऐसा होगा जिससे “किसी को कोई संदेह नहीं रहेगा कि मोदी जी ने वोट चोरी की है।”
अब देखना ये है कि जनता को मिलेगी “सत्य की जीत” या फिर एक और सीज़न का इंतज़ार?
इन सब बयानों के बीच आम जनता सोच रही है — ये लोकतंत्र है या “स्कैम 2024” का नया एपिसोड?
राहुल का ‘हाइड्रोजन बम’ वाकई में कोई बड़ा डेटा डंप होगा या फिर ये भी उसी “कॉन्फिडेंस” का हिस्सा है, जिससे वो 2024 की गर्मी में ठंडी हवाएं लाने की कोशिश कर रहे हैं?
जनता पूछे- बम कब फूटेगा?
राहुल गांधी के अनुसार, अब तक जो हुआ वो ट्रेलर था। असली धमाका आने वाला है। अब बस सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस सच में कोई बड़ा खुलासा करेगी या फिर ये सब कुछ एक और पॉलिटिकल पब्लिसिटी स्टंट निकलेगा। जैसे ही बम फूटेगा, हम आपको सबसे पहले बताएंगे — तब तक popcorn तैयार रखें!
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